पीआईडीपीआई में शिकायत दर्ज करने के लिए दिशा-निर्देश
1. पीआईडीपीआई शिकायत एक बंद/सुरक्षित लिफाफे में होनी चाहिए और सचिव, केंद्रीय सतर्कता आयोग को संबोधित होनी चाहिए। लिफाफे पर स्पष्ट रूप से "सार्वजनिक हित प्रकटीकरण के तहत शिकायत" या "पीआईडीपीआई" लिखा होना चाहिए।
2. पीआईडीपीआई शिकायतकर्ता को शिकायत के आरंभ या अंत में या संलग्न पत्र में अपना नाम और पता देना चाहिए। लिफाफे पर नाम व पता नहीं लिखा होना चाहिए।
3. केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों या किसी केंद्रीय अधिनियम द्वारा या उसके तहत स्थापित किसी निगम, केंद्र सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण वाली सरकारी कंपनियों, सोसायटियों या स्थानीय प्राधिकरणों से संबंधित शिकायतें आयोग के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। राज्य सरकारों द्वारा नियुक्तो कर्मचारियों और राज्य सरकारों या उसके निगमों आदि की गतिविधियाँ आयोग के दायरे में नहीं आएंगी।
4. शिकायतें केवल डाक द्वारा भेजी जानी चाहिए। ईमेल, शिकायत प्रबंधन पोर्टल या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर विचार नहीं किया जाएगा।
5. व्यक्ति की पहचान को सुरक्षित बनाए रखने के लिए, आयोग कोई पावती जारी नहीं करेगा और मुखबिरों को सलाह दी जाती है कि वे अपने हित में आयोग के साथ आगे कोई पत्राचार न करें। आयोग आश्वासन देता है कि, मामले के तथ्यों के प्रमाणिक होने की शर्त पर, आयोग आवश्यक कार्रवाई करेगा, जैसा कि ऊपर उल्लिखित भारत सरकार के संकल्प के तहत उपलब्धे करवाया गया है
6. शिकायतें सतर्कता की दृष्टि से होनी चाहिए न कि शिकायत निवारण के लिए होनी चाहिए।
7. पीआईडीपीआई की शिकायतों में शिकायतकर्ता की पहचान करने वाले विवरण शामिल नहीं होने चाहिए। यदि इस तरह के विवरण को शामिल करना अपरिहार्य है तो सीवीसी पोर्टल में एक सामान्य शिकायत दर्ज की जा सकती है।