डीडीए की स्थापना के बाद से, भूमि प्रबंधन विभाग प्राधिकरण के सबसे महत्वपूर्ण विभागों में से एक रहा है। इसे भूमि एवं भवन के माध्यम से भूमि अधिग्रहण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह विभाग, भूमि की सूची का प्रबंधन और डीडीए की भूमि को अतिक्रमण से सुरक्षा करता है। विस्तार से बताए तो इसकी जिम्मेदारियों में भूमि के अधिग्रहण के लिए आवश्यकताएँ भेजना, भूमि और भवन विभाग के साथ गहन समन्वय करके भूमि का पूर्व-अधिग्रहण सर्वेक्षण और स्थानीय राजस्व प्राधिकरण, अधिग्रहीत भूमि को उपयोगकर्ता विभागों को सौंपना, दि.वि.प्रा. का यानी इंजीनियरिंग विभाग या बागवानी विभाग ताकि उनके द्वारा भूमि की सुरक्षा और इसके उपयोग को सुनिश्चित किया जा सके। भूमि और भवन विभाग, जीएनसीटीडी और अंत में भूमि अधिग्रहण कलेक्टरों के माध्यम से आवार्डीज को मुआवजे का भुगतान।